How To Make People Respect You

Make People Respect You

1. Have slow, relaxed movementsधीमी, आराम से हरकत करें





Hello friends, today we talk about how to handle things slowly and comfortably, we always fight or get angry with someone, and in that situation, we spoil things in a hurry without thinking anything, then always before doing or saying something. In such a situation, take a deep breath for a minute, then answer the other person’s words, because things done in haste or fighting are regretted later. Due to this, we lose our minds in front of not one but many people, first of all, we have to breathe for a minute in any situation, then we have to do it after thinking.

हेलो दोस्तों आज हम बात करते है कैसे हम धीरे और आराम से चीज़ो को संभाले हमेसा हम लड़ाई हो या किसी पे गुस्सा हो तो उस स्तिथि में बिना कुछ सोचे समझे जल्दीबाज़ी में चीज़े बिगड़ देते है तो हमेसा कुछ बी करने से पहले या कहने से पहले ऐसी स्तिथि में एक मिनट के लिए एक गहरी साँस लीजिये फिर सामने वाले की बात का जवाब दीजिये क्यों की जल्दीबाज़ी में की गयी बात या लड़ाई का बाद में पछतावा होता है जिस से हम एक नहीं कई लोगो के सामने अपनी मन समान गवा देते है सबसे पहले हमे कोई बी परस्तिथि हो उसमे एक मिनट साँस लेना है फिर सोच समझ के उसे करना है

2. Hold eye contact, even during conflict – संघर्ष के दौरान भी आंखों से संपर्क रखें

When you’re having a discussion with someone, use the 50/70 rule. This means you should hold eye contact between 50%–70% of the time. Maintain this amount of eye contact both while you are talking and while you are listening

जब आप किसी के साथ चर्चा कर रहे हों, तो 50/70 नियम का उपयोग करें। इसका मतलब है कि आपको 50% -70% समय के बीच आंखों का संपर्क रखना चाहिए। जब आप बात कर रहे हों और जब आप सुन रहे हों तो आंखों के संपर्क की इस मात्रा को बनाए रखें

3. Say with your words prove with your actions-अपने शब्दों के साथ कहें कि अपने कार्यों से साबित करें

Once Ratan Tata was asked why he is not among the richest people in the world like Ambani, in a very good way, he replied that Ambani is a businessman and we Tata are industrialists, our goal is to make the world better in our pockets. We don’t want to fill the world in which we live, we want to make this whole world a good place, not just want to make our house good, Ratan Tata said this, behind this the ability to fulfill his words is also visible. say what you can

एक बार रतन टाटा से पूछा गया की वो अम्बानी की तरह दुनिया के सबसे आमिर इंसानो में क्यों नहीं हे बहुत ही अचे तरीके से उन्होंने जवाब देते हुए कहा अम्बानी एक व्यवसायियों हे और हम टाटा उद्योगपति हे हमारा लक्ष्य हे की दुनिया को बेहतर बनाना अपनी जेबे भरना नहीं हम जिस दुनिया में रहते है इस पूरी दुनिया को एक अच्छी जगह बनाना चाहते है नाकि सिर्फ अपना घर अच्छा करना चाहते है रतन टाटा ने यह बात कही तो इसके पीछे उनके कही बातो को पूरा करने की समता भी दिख रही है इसी तरह बात वो कहो जो आप पूरी कर सको

4. Don’t apologize when you don’t have to– माफी न मांगें जब आपको नहीं करना है

Friends, do not accept your mistake or accept that you are wrong, you want to improve yourself, and it makes you a respectable person, but if you keep accepting your mistake again and again, every time you apologize, then you are a weak person. You look like a human being, such people apologize for their mistakes, but even when it is not their fault, they apologize either to make the other person feel good or because of their fear that the other person will lose their respect.

That’s why no matter what happens, you should never apologize for these three things: 1. Where you have no fault 2. Where you have no control Never apologize for the things that make you different from others and people will start respecting you.

दोस्तों अपनी गलती मान ना और या यह एक्सेप्ट करना की आप गलत हो आप अपने आप को बेहतर बनाना चाहते हो यह आपको एक सम्मानित व्यक्ति बनाता हे पर अगर आप बार बार अपनी गलती मानते रहते है हर बार माफ़ी मांगते हो तो इस से आप एक कमजोर इंसान की तरह नज़र आते हो ऐसे लोग अपनी गलती पर तो माफ़ी मांगते है लेकिन जब उनकी गलती बी ना हो तो भी वो माफ़ी मांगते है सामने वाले को अच्छा फील करवाने के लिए या उनके डर से इस से सामने वाला बी उनकी रेस्पेक्ट खो देता है

इसलिए चाहे कुछ बी हो जाये इन तीन चीज़ो के लिए आपको कभी बी माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए 1 जहा आपकी कोई गलती ना हो 2 जहा आपका कोई नियंत्रण नहीं हे 3 जो चीज़े आपकी पर्सनालिटी का पार्ट है जिन्हे आप बदल नहीं सकते और ना बदलना चाहते हो वो चीज़े आपको दुसरो से अलग बनाती है ऐसी चीज़ो के लिए कभी भी माफ़ी मत मांगो और लोग आपकी रेस्पेक्ट करने लगेंगे

5. Make yourself a priority – अपने आप को प्राथमिकता दें

Friends, there is a rule that it is difficult to meet in which it is necessary to give priority to yourself and you are not always available for everyone, you become such a person who is very difficult to come or talk to where You ignore more and more people and just focus on your life, now like the supply and demand model of economics, if the supply of people remains in your life, then your demand starts increasing.

And people start getting very attracted to this because nowadays only those who give priority to themselves are respected, now we do not mean to be selfish here because selfish are those who think only and only about themselves. Those who are not respected by anyone, those who give priority to themselves, they think about other people, but first, they think about themselves, then they think about other people.

दोस्तों एक नियम हे मुश्किल से मिलना जिसके अंदर करना यह होता है की आपको अपने आपको पहली प्राथमिकता देनी होती है और हमेसा हर किसी के लिए उपलब्ध नहीं रहते है आप एक ऐसे इंसान बन जाते हो जिनके पास आना या बाते करना बहुत मुश्किल हे जहा आप जायदा से जायदा लोगो को अनदेखा करते हो और बस अपनी ज़िन्दगी पर ध्यान देते हो अब इकोनॉमिक्स के सप्लाई एंड डिमांड मॉडल की तरह ही आपकी लोगो की ज़िन्दगी में सप्लाई काम रहती है तो आपकी डिमांड बढ़ने लगती है

और लोग इस बात से बहुत जायदा आकर्षित होने लगते है क्यों की आजकल उसी का आदर किया जाता है जो अपने आप को पहली प्राथमिकता देता हो अब हमारा यहाँ मतलब स्वार्थी होना नहीं है क्यों की स्वार्थी वो होते है जो सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में सोचते है जिनका कोई आदर नहीं करता है जो लोग खुद को प्राथमिकता देते है वो लोग बाकि लोगो का बी सोचते है पर सबसे पहले वो अपने बारे में सोचते है उसके बाद दूसरे लोगो का सोचते है

6. Ask more question’s and listen well – अधिक प्रश्न पूछें और अच्छी तरह से सुनें

Have you ever met such people with whom you sometimes share or talk about any knowledge, then before listening to your whole thing, he says haha, I know or after your talk is over, he says this? That I already knew this thing, then he starts talking about himself without listening to you, he looks like he knows everything, when someone does this in front of you, then immediately you lose respect for that person, why? the physiology of nobody likes that person

The one who goes on knowing that he knows everything and is humiliating the person in front of you may be more aware of something, but never think that the person in front does not know anything, rather listen to his views and ideas. By respecting, questioning them, talking about that topic, and knowing that one will increase your knowledge secondly when you show that you are learning something from the person in front, then he also starts respecting this humble attitude of yours.

क्या कभी आप ऐसे लोगो से मिले हो जिनसे कभी आप बात शेयर करते हो या कोई गयान की बात करते हो तो वो आपकी पूरी बात सुन ने से पहले यह बोलता है की हा हा मुझे पता है या आपकी बात ख़तम होने के बाद यह बोलते है की मुझे यह बात पहले से पता थी फिर अपने ही बारे में बाते करने लगते है बिना आपकी बात सुने वो आपको ऐसे दिखते है की उन्हे सब पता है जब आपके सामने ऐसा कोई करता है

तो तुरंत आप उस इंसान के लिए रेस्पेक्ट खो देते हो क्यों की फिजियोलॉजी किसी को वो इंसान पसंद नहीं होता जो जानकर यह जाता रहा हो की उसे सब कुछ पता है और सामने वाले को नीचा दिखा रहा होता है हो सकता किसी बात का गयान आपको जायदा हो लेकिन कभी भी यह मत समझो की सामने वाले को कुछ नहीं पता बल्कि उसकी बाते सुनो उसके व्यूज आईडिया की रेस्पेक्ट करने से उनसे सवाल करने से उस टॉपिक के बारे में बात करने से और जान ने से एक तो आपका गयान बढ़ेगा दूसरा आप जब दिखाते हो की आप सामने वाले से कुछ सिख रहे हो तो वो आपकी इस हम्बल ऐटिटूड की रेस्पेक्ट भी करने लगता है

How to stay focused on your goals

7. Treat other people the way they want to be treated -अन्य लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा वे चाहते हैं

It is said to treat people the way you want to be treated and there is also a saying to treat others the way they want to be treated, rather than how you want to be treated. In physiology, it is also called the platinum rule, according to which when you are talking to someone, focus on what they want, now it is not necessary to give them what they want but to understand the person’s words and win according to their needs. create a win-win situation

As if someone is asking for a big help from you and you are not capable of giving that much help, then you can say that I cannot do such a big help, but you want to help as much as I can, by this, you will show that You are real, you care for that person, nowadays most of the people want to feel that you care about them and by saying this your respect will increase in their eyes.

ऐसा कहा जाता है की लोगो के साथ ऐसा बर्ताव करो जैसा आप अपने साथ चाहते हो और एक ऐसा भी कहा जाता है दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा वे चाहते हैं, बजाय इसके कि आप किस तरह से व्यवहार करना चाहते हैं इस रूल को फिजियोलॉजी में प्लैटिनम रूल भी कहा जाता है जिसके मुताबिक आप जब किसी से बात कर रहे हो तो इस्पे फोकस करो की उन्हे क्या चाहिए अब जरुरी नहीं की वो जो चाह रहे वो उन्हे देदो बल्कि सामने वाले की बाते समझ के अपनी जरुरत के मुताबिक जीत की स्थिति बनाओ जिसमे दोनों का फायदा हो जैसे की आपसे कोई बड़ी मदद मांग रहा है

और आप उतनी बड़ी मदद करने के लायक नहीं तो आप कह सकते हो की में इतनी बड़ी मदद नहीं कर सकता लेकिन जितना मेरे बस हाथ में हे उतनी मदद जरूर करना चाहता हु इस से आप यह दिखाओगे की आप रियल हो आप सच में केयर करते हो उस इंसान की आजकल अधिकतर लोग यह महसूस करना चाहते है की आपको उनकी फ़िक्र है और आपके यह बात कहने से उसकी नज़र में आपकी रेस्पेक्ट बढ जाएगी

8. Concede your missteps and gain from them – अपने गलत कदमों को स्वीकार करें और उनसे लाभ उठाएं।

Indeed, being willing to concede your errors and gain from them is a significant part of gaining appreciation from others. It shows that you tell the truth, is humble, and are open to development. The point when you commit an error, get a sense of ownership with it, apologize if fundamental, and gain from it so you can try not to misstep the same way later on.

This exhibits development and readiness to improve, which can motivate certainty and regard in everyone around you. Furthermore, by conceding your missteps, you can likewise make a culture of learning and straightforwardness inside your group or association.

वास्तव में, अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना और उनसे लाभ प्राप्त करना दूसरों से सराहना प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दिखाता है कि आप सच बोलते हैं, विनम्र हैं और विकास के लिए खुले हैं। जब आप कोई त्रुटि करते हैं, तो इसके साथ स्वामित्व की भावना प्राप्त करें, मौलिक होने पर क्षमा मांगें, और इससे लाभ प्राप्त करें ताकि आप बाद में उसी तरह गलत न करने का प्रयास कर सकें।

यह विकास और सुधार की तैयारी को प्रदर्शित करता है, जो आपके आस-पास के सभी लोगों में निश्चितता और सम्मान को प्रेरित कर सकता है। इसके अलावा, अपनी गलतियों को स्वीकार करके, आप अपने समूह या संघ के भीतर सीखने और सीधेपन की संस्कृति भी बना सकते हैं।

9. Be liberal and ready to learn new things – उदार रहें और नई चीजें सीखने के लिए तैयार रहें।

Being receptive and able to learn new things is additionally a significant part of gaining appreciation from others. It shows that you are interested, versatile, and ceaselessly hoping to work on yourself, which are characteristics that are regarded by others.

At the point when you are liberal, you can consider groundbreaking thoughts and viewpoints, which can prompt new arrangements and development. Moreover, being willing to learn new things exhibits that you are not smug and you are continuously searching for ways of working on yourself and the association you are essential for.

It additionally shows that you are available to novel thoughts, perspectives, and approaches to getting things done. This can be particularly important in the working environment, where being available to groundbreaking thoughts and advances can assist you with remaining on the ball and make you more significant to your boss.

Showing others that you are liberal and ready to learn new things can likewise motivate others to do likewise. It can make a positive and dynamic culture of learning and development inside your group or association.

ग्रहणशील होना और नई चीजें सीखने में सक्षम होना भी दूसरों से प्रशंसा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दर्शाता है कि आप रुचि रखते हैं, बहुमुखी हैं, और लगातार अपने आप पर काम करने की उम्मीद करते हैं, जो ऐसी विशेषताएँ हैं जिन्हें दूसरों द्वारा माना जाता है। जब आप उदार होते हैं, तो आप क्रांतिकारी विचारों और दृष्टिकोणों पर विचार कर सकते हैं, जो नई व्यवस्थाओं और विकास को प्रेरित कर सकते हैं। इसके अलावा, नई चीजें सीखने के लिए तैयार होना दर्शाता है कि आप आत्मसंतुष्ट नहीं हैं और आप लगातार अपने आप पर काम करने के तरीके खोज रहे हैं और जिस संघ के लिए आप आवश्यक हैं।

यह अतिरिक्त रूप से दर्शाता है कि आप नए विचारों, दृष्टिकोणों और कार्यों को पूरा करने के तरीकों के लिए उपलब्ध हैं। यह काम के माहौल में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है, जहां महत्वपूर्ण विचारों और अग्रिमों के लिए उपलब्ध होने से आपको गेंद पर बने रहने में सहायता मिल सकती है और आप अपने बॉस के लिए अधिक महत्वपूर्ण बन सकते हैं।

दूसरों को दिखाना कि आप उदार हैं और नई चीजें सीखने के लिए तैयार हैं, वैसे ही दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह आपके समूह या संघ के भीतर सीखने और विकास की एक सकारात्मक और गतिशील संस्कृति बना सकता है।

10. Approach others with deference and graciousness – दूसरों के साथ सम्मान और शालीनता से पेश आएं

Approaching others with deference and thoughtfulness is a critical part of gaining appreciation from others. At the point when you approach others with deference, you show that you esteem their viewpoints and commitments and that you will pay attention to them and think about their points of view. Thoughtfulness, then again, is the demonstration of being kind and caring towards others. It’s tied in with figuring out others and their sentiments and acting such that will encourage them.

At the point when you approach others with deference and benevolence, you establish a good and useful climate wherein individuals feel esteemed and upheld. This can prompt better correspondence, more grounded connections, and expanded coordinated effort and cooperation.

Furthermore, when you approach others with deference and benevolence, you likewise set a model for others to follow. Individuals will see and value your way of behaving and might be bound to approach you with deference and consideration consequently.

By approaching others with deference and consideration, you can likewise assist with making a culture of inclusivity and variety inside your group or association. It can likewise assist with building trust among colleagues, which can prompt superior correspondence, participation, and joint effort.

In outline, approaching others with deference and graciousness is a central part of gaining appreciation from others. It’s a vital part of establishing a positive and useful climate, and it can fundamentally affect the way of life of your group or association

दूसरों से सम्मान और विचारशीलता के साथ संपर्क करना दूसरों से सराहना पाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब आप दूसरों से सम्मान के साथ संपर्क करते हैं, तो आप दिखाते हैं कि आप उनके दृष्टिकोण और प्रतिबद्धताओं का सम्मान करते हैं, और आप उन पर ध्यान देंगे और उनके दृष्टिकोणों के बारे में सोचेंगे। दूसरी ओर, विचारशीलता, दूसरों के प्रति दयालु होने और उनकी देखभाल करने का प्रदर्शन है। यह दूसरों और उनकी भावनाओं को जानने और ऐसा अभिनय करने से जुड़ा है जो उन्हें प्रोत्साहित करे।

इस बिंदु पर जब आप सम्मान और परोपकार के साथ दूसरों से संपर्क करते हैं, तो आप एक अच्छा और उपयोगी माहौल स्थापित करते हैं जिसमें व्यक्ति सम्मानित और समर्थित महसूस करते हैं। इससे बेहतर पत्राचार, अधिक जमीनी संबंध और विस्तारित समन्वित प्रयास और सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है।

इसके अलावा, जब आप सम्मान और परोपकार के साथ दूसरों से संपर्क करते हैं, तो आप दूसरों के अनुसरण के लिए एक मॉडल भी सेट करते हैं। लोग आपके व्यवहार के तरीके को देखेंगे और महत्व देंगे, और इसके परिणामस्वरूप सम्मान और विचार के साथ आपसे संपर्क करने के लिए बाध्य हो सकते हैं।

दूसरों के साथ सम्मान और विचार के साथ संपर्क करके, आप इसी तरह अपने समूह या संघ के भीतर समावेशिता और विविधता की संस्कृति बनाने में सहायता कर सकते हैं। यह सहकर्मियों के बीच विश्वास बनाने में भी मदद कर सकता है, जिससे बेहतर पत्राचार, भागीदारी और संयुक्त प्रयास हो सकते हैं।

रूपरेखा में, सम्मान और शालीनता के साथ दूसरों से संपर्क करना दूसरों से सराहना पाने का एक केंद्रीय हिस्सा है। यह एक सकारात्मक और उपयोगी वातावरण स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यह आपके समूह या संघ के जीवन के तरीके को मौलिक रूप से प्रभावित कर सकता है।

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